Monday, December 23, 2024

World’s Most Expensive Cow: सबसे महंगी गाय! रहती है विदेश में पर भारत से है खास संबंध, होश उड़ा देगी कीमत

भारत में गाय को भगवान माना जाता है. इस वजह से यहां पर गायों का बहुत सम्मान है. गाय की कई भारतीय प्रजातियां बेहद खास हैं पर क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे महंगी गाय (World’s Most Expensive Cow), भारत में नहीं, ब्राजील में है? आज हम आपको इसी गाय के बारे में बताने जा रहे हैं जो नेलोर ब्रीड की है और ये इतनी महंगी है कि एक की कीमत में आप बंगला-गाड़ी भी खरीद सकते हैं.

ऑडिटी सेंट्रल न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार नेलोर ब्रीड (Nelore breed cow) की साढ़े 4 साल की गाय वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोवीस (Viatina-19 FIV Mara Imoveis) दुनिया की सबसे महंगी गाय (Most expensive cow of the world) है. ये ब्राजील (Nelore cow Brazil) में है जहां इस प्रजाति की सैकड़ों गाय पाई जाती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक गाय के स्वामित्व का एक-तिहाई हिस्सा हाल ही में ब्राज़ील के अरंडू में एक नीलामी में 6.99 मिलियन रियल ($1.44 मिलियन) यानी 11 करोड़ रुपयों में बेचा गया, जिससे इसकी कुल कीमत 4.3 मिलियन डॉलर यानी करीब 35 करोड़ रुपये हो गई.

भारत से है खास संबंध
वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोवीस को पिछले साल पहले ही दुनिया की सबसे महंगी गाय नामित किया गया था, जब इसके स्वामित्व का आधा हिस्सा लगभग 800,000 डॉलर (6 करोड़ रुपये) में नीलाम किया गया था, जो उस समय एक और रिकॉर्ड-तोड़ कीमत थी. चलिए अब आपको बताते हैं कि इस गाय का संबंध भारत से कैसे है. दरअसल, इस नस्ल का नाम नेलोर ब्रीड, आंध्र प्रदेश के जिले नेल्लोर के ऊपर ही पड़ा है. यहां से इस ब्रीड को ब्राजील भेजा गया था और फिर ये दुनिया के अन्य हिस्सों में भी फैल गई. अकेले ब्राजील में इस ब्रीड की करीब 16 करोड़ गाय मौजूद हैं.

ये है इस नस्ल की गायों की खासियत
वियाटिना-19 एफआईवी मारा इमोविस की कीमत नेलोर के लिए एक नया मील का पत्थर मानी जाती है, गाय की नस्ल जो अपने गुणों के लिए दुनिया भर में अत्यधिक मूल्यवान है. उनके चमकदार सफेद फर, ढीली त्वचा और उनके कंधों के ऊपर एक बड़े बल्बनुमा कूबड़ होते हैं. नेलोर नस्ल की गाय गर्म मौसम में आसानी से एडजस्ट कर लेती है. उनका सफेद फर इसमें एक बड़ी भूमिका निभाता है, क्योंकि यह धूप को रिफ्लेक्ट कर देते हैं जिसकी वजह से गाय को गर्मी नहीं लगती. उनकी पसीने की ग्रंथियां अधिकांश यूरोपीय नस्लों की तुलना में दोगुनी बड़ी और 30 प्रतिशत अधिक संख्या में हैं. अविश्वसनीय रूप से कठोर और लचीली, नेलोर प्रजाति की गाय कई परजीवी संक्रमणों का विरोध कर सकती हैं और उनकी कठोर त्वचा पर खून-चूसने वाले कीड़े भी हमला नहीं कर पाते.

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