पीले वस्त्र का महत्व शास्त्रों के अनुसार धार्मिक कार्यों में पीला रंग धारण करने से मन शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है।
पीले वस्त्र का महत्व हिंदू धर्म में धार्मिक कार्यों से जुड़ी कई परंपराएं हैं, जो सदियों से चली आ रही हैं। प्रत्येक देवता की पूजा से लेकर यज्ञ भी अलग-अलग होते हैं। किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य में शुभ रंग धारण किए जाते हैं। सफेद, काला, नीला जैसे रंग वर्जित हैं। इसके अलावा लाल, हरे, पीले रंग के कपड़े पहनने पर जोर दिया जाता है। क्या आप जानते हैं पूजा में पीले रंग के कपड़े पहनना क्यों माना जाता है सबसे शुभ?
पीले रंग का धार्मिक महत्व पीले रंग को
पीतांबर भी कहा जाता है। यह भगवान कृष्ण का नाम है। श्रीकृष्ण को ज्ञान का भंडार माना जाता है। ऐसे में जब पीतांबर धारण किया जाता है तो रंग के साथ ज्ञान भी प्राप्त होता है। इसी वजह से पीले रंग को पहनने पर जोर दिया जाता है।
सकारात्मक ऊर्जा
शास्त्रों के अनुसार पीला रंग सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। इसलिए धार्मिक कार्यों में इसे धारण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष में पीले रंग का महत्व
पीला रंग ज्योतिष में गुरु ग्रह से जुड़ा है। गुरु को ज्ञान, भाग्य और सम्मान का कारण माना जाता है। ऐसे में पीला रंग धारण करने से कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है। साथ ही गुरु की कृपा से हर क्षेत्र में सफलता मिलने से धन और सम्मान में वृद्धि होती है।
सांसारिक मोहमाया
शास्त्रों के अनुसार पीला रंग बृहस्पति से जुड़ा है। गुरु को ज्ञान का कारक माना गया है। जब कोई सही ज्ञान प्राप्त करता है, तो वह जीवन और मृत्यु के सत्य को गहराई से समझता है। जिसके बाद उसके भीतर शांति का जन्म होता है। उस व्यक्ति का सांसारिक मोह छूटने लगता है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि जब कोई व्यक्ति पूजा स्थल या किसी अन्य धार्मिक स्थान पर जाता है, तो उसे पूरी तरह से भगवान के प्रति समर्पित होना चाहिए। यदि किसी का मन सांसारिक सुखों में डूबा हुआ है तो वह कभी भी मन और हृदय से पूजा नहीं कर सकता। ऐसे में पीतांबर धारण कर मन को एकाग्र किया जा सकता है, जिससे आप पूरे मन और भक्ति के साथ भगवान की पूजा कर सकते हैं।