दिल्ली में भले ही यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे कम होने लगा हो लेकिन नदी अब भी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रही है. राजधानी के कई इलाके अभी भी जलमग्न हैं. इनमें वे इलाके भी शामिल हैं, जहां पहले कभी यमुना नदी बहा करती थी. लालकिला इन्हीं इलाकों में ऐसे एक है. जानते हैं यमुना नदी और लालकिले का क्या संबंध है?
दिल्ली में यमुना में आई बाढ़ ने कई सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. बाढ़ के पानी में दिल्ली के कई इलाके डूब गए. इसमें लाल किले का इलाका भी शामिल है.
यमुना ने यह जता दिया कि नदी वापस अपने इलाके में आती है. कभी यमुना बिलकुल लाल किले से सटे इलाके जहां आज राजधानी की सबसे बड़ी सड़क रिंग रोड है, वहां से गुजरती थी. आजतक ने तमाम इतिहासकारों और पुरानी दिल्ली के जानकारों से समझने की कोशिश की कि कभी यमुना कहां बहती थी.
– लाल किले का इतिहास यमुना नदी से जुड़ा है. इतिहासकार बताते हैं कि जब आगरा से राजधानी को दिल्ली लाया गया तो दो विकल्प थे-एक लाहौर और दूसरा दिल्ली लेकिन यमुना की वजह से ही दिल्ली पहली पसंद बनी. इतिहासकार और लेखिका राना सफ्वी बताती हैं- मेरे उम्र के लोग यानी महज कुछ दशक पहले तक लोग बताते हैं कि यमुना लालकिले के नजदीक से ही गुजरती थी. यमुना की बाढ़ ने ये सवाल भी खड़ा किया है कि नदी की पेटी यानी रिवर बेड में लगातार बढ़ रहे अतिक्रमण की वजह से नदी अपना रास्ता बदल रही है. 1978 में जब दिल्ली में बाढ़ आई तब भी एजेंसियों ने हालात बदलने की कोशिश की लेकिन यमुना ने इस साल घर वापसी की और लालकिले के पास आ गई.