- पालकी यात्रा की तैयारियां जोरों पर
- नर्मदा आरती और रात्रि दीपदान के दर्शन होंगे
- महादेव के मंदिर से लेकर नर्मदा घाट तक लाइटिंग की गई है
भाटीगल मेला पवित्र नर्मदा नदी के तट पर शूलपनेश्वर महादेव मंदिर में चैत्र वद तेरस पर शुरू होता है। विशेष रूप से अमास के दिन, जब भारी भीड़ होती है, तंत्र द्वारा अमास के दिन भारी भीड़ की संभावना के लिए तैयारियां की जाती हैं, विशेष रूप से शूलपनेश्वर महादेव के मंदिर में, एक मंडप को बढ़ाने के लिए ऊपर बनाया गया है। कतार ताकि श्रद्धालु कतार में खड़े होकर धूप प्राप्त करें साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम से लेकर यातायात पुलिस तक का कहना है कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनने के बाद नर्मदा नदी के किनारे कॉरिडोर विकसित किया गया।
महादेव के मंदिर से लेकर नर्मदा घाट तक लाइटिंग की गई है। इसके साथ ही नर्मदा घाट वार नर्मदा महाआरती प्रतिदिन होने पर शूलपनेश्वर महादेव मंदिर मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को रात में नर्मदा आरती व रोशनी के साथ ही महादेव के दर्शन भी होंगे।
फिर अमास के दिन यहां हजारों श्रद्धालुओं के उमड़ने की पूरी संभावना को लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है। मंदिर के वंशधर महंत देवेंद्र रविशंकर त्रिवेदी ने बताया कि शूलपनेश्वर महादेव की पालकी यात्रा अमास के दिन निकलेगी।
वर्षों से मेले में दाल का विशेष महत्व है
शूलपनेश्वर महादेव को देशी चने से बने डांडिया का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इस वजह से शूलपनेश्वर महादेव के मंदिर में सालों से दाल बेचने आने वाले महाराष्ट्र के व्यापारी इस मेले में भी दाल बेचने आते हैं चने की दाल बेचते हैं और चने की बनी ढाणी भी बेचते हैं जिसे कई लोग खाते हैं क्योंकि यह प्रकार गुजरात में नहीं पाया जाता है।