राजकोट के ईश्वरभाई घूघरा में स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी राजकोट के ‘ईश्वरभाई घूघरा’ में स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी में 145 किलो बासी चटनी, आलू मसाला बरामद हुआ है.
राजकोट : राजकोट के चर्चित ईश्वर घोघरावाला पर स्वास्थ्य विभाग ने छापा मारा है. रामनाथ पारा स्थित ईश्वरभाई घुघरावाला की फैक्ट्री में छापेमारी की गई. मौके से कितनी मात्रा में बासी आलू का गूदा, चिली सॉस के लिए रंग, जला तेल मिला है। मीठी चटनी 20 किलो, लाल चटनी 5 किलो सहित 145 किलो की मात्रा को जब्त कर स्वास्थ्य विभाग द्वारा मौके पर ही नष्ट कर दिया गया.
गौरतलब है कि खाद्य सामग्री को लेकर प्रदेश भर में स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है. पिछले कुछ समय से बाजार से अस्वास्थ्यकर सामान पकड़ा गया है। खाद्य पदार्थों में मिलावट की जा रही है। दूसरी ओर होटल और रेस्टोरेंट भी अनहेल्दी सामान बेच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने देखा कि रेस्टोरेंट और होटलों में गंदगी और गंदा पानी है। इससे पहले गुजरात में भी पनीर और चीज के सैंपल फेल हो चुके हैं. फिर रंगीलू राजकोट खाने के लिए मशहूर है। राजकोट अपने स्वाद कलियों के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे में शहर के फेसम घुगरा ब्रांड के सैंपल फेल हो गए हैं।
राजकोट नगर निगम के खाद्य विभाग द्वारा निगरानी जांच की गई। स्वास्थ्य अधिकारी की टीम द्वारा स्ट्रीट नंबर 13 “रामनाथ कृपा” हाथीखाना में ईश्वरभाई लालजीभाई काकू की फर्म के स्वामित्व वाले “ईश्वरभाई घोघरावाला” के निर्माण स्थल पर विशेष जांच की गई। जांच करने पर पता चला कि वे यहां गंदे तरीके से शौचालय बनाते थे। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। घुगरे की चटनी बनाने के लिए फूड कलर का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही अस्वच्छता से संरक्षित मीठी चटनी 20 किग्रा, लाल चटनी 5 किग्रा, आलू मसाला 20 किग्रा, इस्तेमाल किया हुआ तेल 60 किग्रा तथा शनिया/कांटन पर सुखाया हुआ कच्चा घुगरा 40 किग्रा 145 किग्रा बरामद किया गया. इन सभी को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।
साथ ही जगह पर साफ-सफाई नहीं रखने पर ईश्वरभाई घुगरावाला को नोटिस भी जारी किया है। फैक्ट्री में जो भी खाना मिला वह इंसानों के खाने लायक नहीं था। इसलिए इसे वहीं नष्ट कर दिया गया। ऐसा गंदा खाना राजकोट के लोगों को परोसा गया।
इसके अलावा ईश्वरभाई घुघरावाला के अन्य सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं। खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम-2006 के तहत घूगरा में मीठी चटनी (तैयार-खुली) और आलू मसाला (तैयार-खुली) और इस्तेमाल किए गए खाना पकाने के तेल (खुली) के नमूने लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं।