विज्ञान की तरक्की ने इंसान के कई काम बेहद आसान कर दिए हैं। आज के आधुनिक जीवन में लगभग हर चीज टेक्नोलॉजी के कारण बेहतरी की ओर बढ़ रही है।
लिफ्ट में लगा ग्लास : विज्ञान की तरक्की ने इंसान के कई काम बेहद आसान कर दिए हैं। मोबाइल फोन हो या लैपटॉप, हर काम में दुनिया बदल गई है। ऐसा ही एक महान अविष्कार है लिफ्ट। लिफ्ट की मदद से सबसे ऊंची इमारत तक जाने के लिए लोगों को न तो ज्यादा मेहनत करने की जरूरत होती है और न ही ज्यादा समय बर्बाद करने की।
लिफ्ट में शीशा क्यों लगाया जाता है?
लिफ्ट की सुविधा कार्यालयों, मॉल और अन्य ऊंची इमारतों में उपलब्ध है। हम सभी अपने दैनिक जीवन में लिफ्ट का उपयोग करते हैं। कुछ समय पहले लिफ्ट में शीशा भी लगाना शुरू किया गया है। आपने कई लिफ्ट में शीशा भी देखा होगा। ये शीशे आपके चेहरे को देखने के लिए नहीं हैं, लेकिन ये लिफ्ट के इंटीरियर को खुला और ज्यादा जगहदार बनाते हैं, ताकि लोगों को घुटन महसूस न हो। जिससे लिफ्ट के अंदर रहने वालों को भी अच्छा महसूस होता है।
लिफ्ट में शीशा लगाने का ये है कारण
जब लोगों ने लिफ्ट का इस्तेमाल शुरू किया तो कई लोगों को लिफ्ट की स्पीड काफी तेज लगी। लोगों ने इसकी शिकायत की और तब जाकर इसके पीछे की वजह पता चली। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोग लिफ्ट की दीवारों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे उन्हें लगता है कि लिफ्ट तेजी से चल रही है। इस समस्या का समाधान खोजने के लिए, लिफ्ट निर्माताओं ने लिफ्ट की दीवारों पर कांच लगाना शुरू किया। अब यह ग्लास हर लिफ्ट में मिल जाता है।