Tuesday, December 24, 2024

वह सत्याग्रह जिसके कारण बारडोली के वल्लभभाई देश के नेता बन गए! हमारा ‘वल्लभ’ हमारा ‘सरदार’

सत्याग्रह विशेष: फूलचंद शाह ने उस समय सबसे अधिक गीत लिखे थे। उनकी रचित कविताओं ने सत्याग्रहियों में जोश भरने का काम किया। कई कवियों ने सत्याग्रह और सरदार पटेल के बारे में लिखा।

अहमदाबाद: आज यानी 12 जून गुजरात और देश के इतिहास की एक अहम तारीख है. क्योंकि, इसी दिन वर्ष 1928 में स्वतंत्रता आंदोलन के अंग के रूप में बारडोली सत्याग्रह संघर्ष की शुरुआत हुई थी। 12 जून 1928 को बारडोली युद्ध शुरू होने के बाद से इस दिन को बारडोली दिवस के रूप में मनाया जाता है। और शायद इसी दिन की वजह से देश को एक सरदार मिला। बारदोली सत्याग्रह से ही गुजरात के वल्लभभाई पटेल देश में सरदार के रूप में उभरे। बारडोली दिवस के आज 95 साल हो गए हैं। हमारा वल्लभ हमारा मुखिया ! यह कहावत आज के दिन के कारण स्थापित हुई थी।

गौरतलब है कि डंको वाग्यो लाडवैया शूरा जगजो राय गुजरात को बारदोली सत्याग्रह से युद्धगीत प्राप्त हुए। बारडोली सत्याग्रह के दौरान 50 से अधिक कवियों को कविता और गीत लिखने की प्रेरणा मिली। बारदोली सत्याग्रह के कारण ही युद्ध गीत गुजराती में लिखे गए। बारडोली सत्याग्रह के इन युद्ध गीतों ने साबित कर दिया कि यह संघर्ष कितना प्रभावशाली था। उस समय अधिकांश गीत फूलचंद शाह ने लिखे थे। उनकी रचित कविताओं ने सत्याग्रहियों में जोश भरने का काम किया। कई कवियों ने सत्याग्रह और सरदार पटेल के बारे में लिखा।

यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि बारडोली सत्याग्रह के अहिंसक संघर्ष की सफल प्रयोगशाला बनी हुई है। स्वतंत्रता सेनानियों को लगता है कि किसानों के लिए सत्याग्रह की प्रयोगशाला बन चुके बारडोली को “ग्रीन बारडोली” बनाकर पर्यावरण संरक्षण, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया में मिसाल कायम करनी चाहिए। ऐसे में वे सही मायने में सरदार साहब की 150वीं जयंती वर्ष मनाना चाहते हैं।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,913FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles