दोनों बकरे स्थानीय किसान मुश्ताक अहमद (45) के हैं और इस साल अब तक मंडी में सबसे महंगे हैं. बकरों के मालिक मुश्ताक अहमद ने बताया कि अरबी में सलमान का मतलब विनम्र और वफादार होता है जबकि गनी का मतलब अमीर और उदार होता है. मैंने बकरों के लिए सुनहरी किनारियों से सजी हरी पोशाकें तैयार करवाई हैं.
अरबी भाषा में ‘अल्लाह’ जैसे दिखने वाले जन्मजात निशान वाले दो बकरे काफी चर्चा में हैं. एक का नाम सलमान है और दूसरे का गनी. बकरीद से ठीक पहले दुबग्गा की बकरा मंडी में ये न केवल अपनी विशिष्ट विशेषता के लिए बल्कि अपनी कीमत को लेकर भी चर्चा का विषय बने हुए हैं. इसमें से एक सलमान नाम के 18 महीने के बकरे का वजन 65 किलोग्राम है. उसके दाहिने कान में एक जन्मचिह्न है जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे ‘अल्लाह’ लिखा हो. वहीं, राजस्थानी बकरे गनी की भी ऐसी ही विशेषताएं हैं. दोनों बकरों की कीमत 51 लाख रुपये रखी गई है.
दोनों बकरे स्थानीय किसान मुश्ताक अहमद (45) के हैं और इस साल अब तक मंडी में सबसे महंगे हैं. बकरों के मालिक मुश्ताक अहमद ने बताया कि अरबी में सलमान का मतलब विनम्र और वफादार होता है जबकि गनी का मतलब अमीर और उदार होता है. मैंने बकरों के लिए सुनहरी किनारियों से सजी हरी पोशाकें तैयार करवाई हैं.
उन्होंने बताया कि करीब एक साल पहले गनी को राजस्थान से खरीदा थी, जबकि सलमान का जन्म उनके घर हुआ. इन पर पवित्र चिन्ह मौजूद होने के कारण ये महंगे हैं. उन्होंने कहा, ‘मैंने उनके खास भोजन पर भी बहुत पैसा खर्च किया है.’
बारबरी, तोतापरी, पंजाबी बीटल, कोटा और विदेशी नस्लों अफ्रीकी बोअर और सानेन (स्विट्जरलैंड) जैसी विभिन्न किस्मों के लगभग 1 लाख बकरे बिक्री के लिए मंडी में पहुंच चुके हैं. अधिकांश मालिकों ने अपने जानवरों को पठान, हीरा, राजकुमार और टाइगर जैसे दिलचस्प नाम दिए हैं और इनकी कीमत लगभग 10,000 रुपये से शुरू होती है. डुम्बास (तुर्की मूल की मोटी पूंछ वाली भेड़) और भैंसें भी बिक्री के लिए उपलब्ध हैं.
इन्हीं विक्रेताओं में से एक अशरफ हुसैन (56) 27 महीने का पंजाबी बीटल बकरा लाए हैं. उन्होंने बताया, ‘मैं बकरे के लिए 8 लाख रुपये की मांग कर रहा हूं जिसे मैं लगभग 20 महीने पहले लाया था. ऐसे लोग हैं जो इसे लगभग 4 लाख रुपये में खरीदने के लिए सौदेबाजी कर रहे हैं, लेकिन मैं निश्चित रूप से इसे अपनी पसंद की कीमत पर बेचूंगा.’