Monday, December 23, 2024

गुजराती फिल्मों को सरकार ने दी सफलता की सीडी, अब तक की इतनी मदद…

गुजराती फिल्में : राज्य की 189 गुजराती फिल्मों को राज्य सरकार ने 1.5 करोड़ रुपये में स्वीकृति दी है। 47 करोड़ की सहायता राशि का भुगतान…गुजराती फिल्मों को ग्रेड के अनुसार रु. 5 लाख से रु। 75 लाख की सहायता राशि का वितरण किया जाता है… फिल्मों के प्रदर्शन के लिए नियुक्त विशेषज्ञों की समिति द्वारा गहन जांच के बाद सहायता।

गुजराती फिल्मों को सरकार ने दी सफलता की सीडी, अब तक की इतनी मदद

अर्बन गुजराती फिल्म्स : मंत्री राघवजीभाई पटेल ने विधानसभा में मुख्यमंत्री की ओर से गुजराती फिल्मों के प्रचार के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा है कि गुजराती फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हमेशा प्रतिबद्ध है. अब तक 189 गुजराती फिल्मों को मिले हैं करोड़ों रुपये 47 करोड़ की आर्थिक सहायता दी गई है। इस साल 43 फिल्मों को जल्द ही सब्सिडी मिलेगी।

मंत्री ने कहा कि गुजराती फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए यह समर्थन देने की नीति 2016 से चल रही है और 2019 में वित्तीय सहायता को उदार बनाया गया है। इस पॉलिसी के तहत फिल्मों को ग्रेड वाइज सपोर्ट दिया जाता है। जिसमें ए प्लस ग्रेड के लिए 75 लाख और रु. बी ग्रेड के लिए 50 लाख रु. सी ग्रेड के लिए 40 लाख रु. 30 लाख, डी ग्रेड के लिए 20 लाख रुपये, ई ग्रेड के लिए 10 लाख रुपये और रु। 5 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

गुजराती फिल्मों के चयन के लिए बनी विशेषज्ञ समिति के सदस्यों के पूरक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि यह विशेषज्ञ समिति राज्य के सूचना एवं प्रसारण विभाग द्वारा गठित की गई है. जिसमें विशेषज्ञों, प्रसिद्ध निर्देशकों, प्रसिद्ध अभिनेताओं और प्रसिद्ध लेखकों का एक पैनल तैयार किया गया है, आवश्यकता के अनुसार सदस्यों की एक समिति बनाई जाती है। अधिकांश सदस्य गुजराती हैं। इसी समिति के माध्यम से गुजराती फिल्मों को सहायता के लिए आवेदन आते हैं। उन सभी फिल्मों की स्क्रीनिंग और स्कोरिंग की जाती है। जिसके आधार पर ग्रेड तय कर सहायता दी जाती है।

प्रदेश में पिछले दो वर्षों में प्राप्त 128 आवेदनों में से 43 फिल्मों को सहायता राशि देने का आदेश दिया गया है। शेष लंबित आवेदनों का शीघ्र निस्तारण किया जाएगा। लंबित आवेदनों का सत्यापन किया जा रहा है। इसके लिए प्रति आवेदन वाउचर सहित लगभग 200 से 1000 दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है। इसमें कुछ समय लगता है। उत्पादकों द्वारा आवश्यक दस्तावेज ठीक से प्रस्तुत नहीं करने के कारण देरी होती है। इसके लिए सरकार द्वारा सामने से समन्वय कर क्रियान्वयन किया जाता है। उन्होंने कहा कि पूरा होने पर सहायता राशि का वितरण किया जाएगा।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,913FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles