Monday, December 23, 2024

पुस्तक न पाने थी: क्या थी भगत सिंह की आखिरी इच्छा?

भागदौड़ भरी जिंदगी में किताब पढ़ना कम होता जाता है, अगर आपके पास बड़ी-बड़ी किताबें पढ़ने का समय नहीं है या आप किसी घटना के बारे में जानना चाहते हैं तो हम आपको एक नियमित किताब का स्वाद चखाएंगे।

पुस्तक में प्रस्तुत रोचक घटना या जानकारी आज के व्यस्त समय में समुद्र के समान है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में किताबें पढ़ने का समय कम होता जा रहा है, अगर आपके पास बड़ी-बड़ी किताबें पढ़ने का समय नहीं है, या आप किसी खास घटना के बारे में जानना चाहते हैं, तो हम आपको नियमित किताबों में से एक का स्वाद चखाएंगे। पुस्तक श्रंखला के पन्नों से राजनीतिक, साहित्यिक या मनोरंजन जगत की किसी विशेष घटना या व्यक्ति की जानकारी पल भर में मिल सकेगी।

पुस्तक पृष्ठों की इस नई श्रृंखला में आप भगत सिंह के जीवन के बारे में जानेंगे । 23 मार्च को भगत सिंह की पुण्यतिथि थी। इस नई सीरीज में आपको भगत सिंह के बारे में जानकारी मिलेगी।

पिछले एपिसोड में भी आपने शहीद भगत सिंह के बारे में रोचक जानकारी प्राप्त की, जैसे अमर शहीद भगत सिंह के पेज नंबर 09 पर दी गई जानकारी भी दिलचस्प है कि वह स्कूल जाने की उम्र में जलियांवालान बाग क्यों पहुंचे।

इस किताब में आपको भगत सिंह के बचपन के बारे में बहुत ही रोचक बातें जानने को मिलेंगी। महज ढाई साल की उम्र में उन्होंने खेत में मिट्टी बोनी शुरू कर दी। तो पिता ने भगत से पूछा कि तुम क्या कर रहे हो तो भगत ने जवाब दिया कि मैं बाबूके बो रहा हूं। वह अपनी तोताड़ी और काली भाषा में कह रहा था कि मैं बंदूक लगा रहा हूं।

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