सूरत नगर निगम (एसएमसी) पिछले कई वर्षों से शहर के लोगों को मनोरंजन के लिए एक अच्छी जगह प्रदान करने का वादा कर रहा था। डुमस बीच के साथ सी फेस डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का वादा कई सालों से संभव नहीं हो पाया। प्रोजेक्ट केवल कागजों पर रहने के बाद मनपा कमिश्नर शालिनी अग्रवाल ने सूरत की कमान संभालते ही इस प्रोजेक्ट को चरणों में आगे बढ़ाने का स्टैंड ले लिया है। जिसमें सरकार ने पहले चरण के लिए जरूरी जमीन सूरत नगर निगम को सौंप दी है, अब इस प्रोजेक्ट में तेजी आने की उम्मीद जगी है।
डुमस सी-फेस प्रोजेक्ट की टीपी योजना के तहत अधिग्रहित 12.27 हेक्टेयर भूमि के अलावा 66.72 हेक्टेयर सरकारी भूमि और लगभग 23 हेक्टेयर वन विभाग की भूमि, इकोटूरिज्म पार्क कुल 107 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया जाएगा। मनपा के लगातार प्रयासों के बावजूद ठोस योजना नहीं बन सकी क्योंकि इनमें से कई परियोजनाएं सरकारी स्वामित्व वाली थीं। इसलिए इन जमीनों में से मनापा के हिस्से की 12.27 हेक्टेयर भूमि पर पहले चरण का विकास कार्य शुरू किया जाएगा।
इसके लिए नगर आयुक्त द्वारा समाहरणालय से लगातार समन्वय कर कलेक्टर की स्वीकृति प्राप्त कर ली गयी है। नतीजतन, डुमस सी-फेज के पहले चरण में आवश्यक जगह का कब्जा संबंधित अधिकारियों द्वारा आज सूरत नगर निगम को सौंप दिया गया है। लिहाजा अब यह प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ सकता है।
डुमस सी-फेस डेवलपमेंट में क्या बनेगा?
- डेढ़ से दो किमी की दूरी में सौंदर्यीकरण किया जाएगा
- पूर्व प्रधान मंत्री स्व. मोरारजी देसाई की प्रतिमा से चौपाटी और लंगर तक एकीकृत भूमि का विकास किया जाएगा।
- विशेष लाइटिंग, फाउंटेन लगाए जाएंगे
- कुछ दूरी पर फूड प्लाजा बनाया जाएगा
- बच्चों के खेलने के लिए उपकरणों से जोन बनाए जाएंगे
- पूरे क्षेत्र में साफ-सफाई बनाए रखने के लिए पेवर ब्लॉक लगाए जाएंगे
- पूरे प्रोजेक्ट में खूबसूरती के लिए जियोमैट्रिकल डिजाइन तैयार किए जाएंगे
- साढ़े पांच किमी तटीय पथ से लेकर मनोरंजन, होटल आदि गतिविधियां होंगी।
यह परियोजना महत्वपूर्ण है क्योंकि डुमस तट के किनारे वन विभाग की जमीन और सरकारी जमीन जो बारिश और अवैध गतिविधियों के कारण टूट रही है, भी हो रही है। यह एक सुंदर और विशाल रिसॉर्ट के रूप में विकसित होगा। यहां ईको टूरिज्म पार्क के साथ-साथ मनोरंजन पार्क, होटल, रेस्टोरेंट, वाटर स्पोर्ट्स और तमाम मनोरंजक गतिविधियों की सुविधाएं बनाई जाएंगी। समुद्र तट के साथ साढ़े पांच किमी का तटीय मार्ग भी बनाया जाएगा।