सूरत नगर निगम ने एक महीने पहले आइसक्रीम और आइस बॉल्स में इस्तेमाल होने वाले कलर के सैंपल लिए थे. फिर नगर निगम की टीम द्वारा लिए गए सभी 8 सैंपल फेल हो गए हैं।
लोग गर्मी की तपिश से राहत पाने के लिए बर्फ का गोला या आइसक्रीम खाने के आदी हैं. बहरहाल, ये आइस बॉल्स, कलर्स और आइसक्रीम कितनी हेल्दी हैं ये आप इस खबर को सुनकर ही जान सकते हैं। सूरत नगर निगम ने एक महीने पहले आइसक्रीम और आइस बॉल्स में इस्तेमाल होने वाले कलर के सैंपल लिए थे. फिर नगर निगम की टीम द्वारा लिए गए सभी 8 सैंपल फेल हो गए हैं।
लैब परीक्षणों से पता चला कि आइस बॉल्स में इस्तेमाल किए गए रंग अखाद्य थे और आइसक्रीम में ताड़ के तेल जैसे पदार्थों की मिलावट की गई थी। गौरतलब है कि सूरत नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अदजान इलाके के धड्डोड रोड स्थित जयभवानी ड्रायफूट और जीबी फूड्स से लिए गए आइसक्रीम के सैंपल फेल कर दिए हैं.
यदि सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो नगर पालिका के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दोनों व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की संभावना है. बता दें कि नॉन फूड कलरिंग और पाम ऑयल के मिश्रण को खाने से पेट की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है।
इसलिए सैंपल रिपोर्ट फेल होने पर स्वास्थ्य समिति के सदस्य दौड़कर आइसक्रीम की दुकान पर जांच करते हैं। स्वास्थ्य समिति के एक सदस्य का दावा है कि मिलावटी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।