सीता नवमी : वैशाख मास के शुक्लपक्ष की नवमी को माता सीता के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष सीता नवमी 29 अप्रैल को मनाई जाएगी। निरंतर सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस दिन माता सीता की पूजा की जाती है।
सीता नवमी: वैशाख मास के शुक्लपक्ष की नवमी को माता सीता के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष सीता नवमी 29 अप्रैल को मनाई जाएगी। निरंतर सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस दिन माता सीता की पूजा की जाती है। सीता नवमी के शुभ मुहूर्त में माता सीता को सोलह आभूषण अर्पित करें और “श्री जानकी रामाभ्यां नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में आ रहा संकट दूर हो जाता है और अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है।
– मातासीता को देवी लक्ष्मी का रूप भी माना जाता है। इस दिन माताजी को खीर का भी भोग लगाना चाहिए। इसके बाद इस खीर को सात कन्याओं को प्रसाद के रूप में खिला दें। ऐसा करने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।
– विवाह में समस्या आ रही हो तो सीता नवमी के दिन माता सीता और श्रीराम की पूजा करें. इसके साथ ही अच्छे जीवनसाथी के कार्य को पूरा करने के लिए सीता नवमी के दिन जानकी स्त्रोत का पाठ करें।
– यदि विवाह तय करने में समस्या आ रही हो तो सीता नवमी के दिन हल्दी की पांच गांठें लेकर पीले वस्त्र में बांधकर सुयोग्य जीवनसाथी के काम सहित माता सीता के चरणों में अर्पित कर दें.
– वैवाहिक जीवन में समस्या आ रही हो तो सीता नवमी के दिन सीता चालीसा का पाठ करें और सुखमय वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करें.