मैक्सिको के डिटेंशन सेंटर में भीषण आग लगने की वजह से 40 लोगों की मौत हो गई. अब इस घटना को लेकर देश के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि यह डिपोर्शन के डर से हुआ है.
मैक्सिको के एक इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटर में भीषण आग की वजह से कुल 40 लोगों की मौत हो चुकी है. डिटेंशन सेंटर में भीषण आग की घटना को लेकर मैक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर ने मंगलवार को कहा कि निर्वासन के डर से प्रवासियों ने डिटेंशन सेंटर के गद्दों में आग लगा दी थी.
टीओआई ने रॉयटर्स के हवाले से कहा है कि नेशनल इमिग्रेशन इंस्टीट्यूट की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक डिटेंशन सेंटर में भीषण आग की वजह से 29 लोग बुरी तरह से झुलस गए हैं. एजेंसी ने कहा है कि जिस समय आग लगी थी उस समय मध्य और दक्षिण अमेरिका के 68 लोग डिटेंशन सेंटर में रखे गए थे.
ग्वाटेमाले के अधिकारी ने दावा किया है कि डिटेंशन सेंटर में कई लोग उनके देश के भी हो सकते हैं. राष्ट्रपति ओब्रेडोर ने कहा कि जब डिटेंशन सेंटर में रह रहे प्रवासियों को पता चला कि उन्हें डिपोर्ट किया जाएगा तो वो प्रदर्शन करने लगे. हालांकि, उनको अंदाजा नहीं था कि सेंटर में इतनी भीषण हादसा हो जाएगा.
यूएस बॉर्डर से थोड़ी दूर पर है डिटेंशन सेंटर
राष्ट्रपति ने कहा कि घटना के बाद देश की इमिग्रेशन एजेंसी के निदेशक घटनास्थल पर पहुंचे हुए हैं. उन्होंने कहा कि डिटेंशन सेंटर यूएस के बॉर्डर से बस थोड़ी ही दूर पर स्थित है. पिछले कुछ दिनों से अधिकारियों और सेंटर में रह रहे लोगों के बीच तनाव की स्थिति देखने को मिली थी.
इस घटना से पहले 30 से अधिक प्रवासियों और उनकी वकालत करने वाले संगठनों ने 9 मार्च को एक खुला पत्र जारी किया था. जिसमें प्रवासियों के ऊपर किए जा रहे अत्याचार के बारे में बताया गया था. पत्र में आरोप लगाया गया था कि सेंटर के अधिकारियों की ओर से प्रवासियों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है और उनके साथ गाली-गलौज किया जाता है.
बता दें कि मैक्सिको के डिटेंशन सेंटर में विरोध कोई नई बात नहीं है. इस घटना से पहले भी सेंटर में विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं. कई बार तो सेंटर में ओवर क्राउंडिंग को लेकर भी आवाज उठती रही है.