Monday, December 23, 2024

यदि विवाह वैध नहीं है तो क्या दूसरी पत्नी और बच्चे भरण-पोषण का दावा कर सकते हैं? जानिए हाई कोर्ट ने क्या कहा

यदि विवाह कानूनी नहीं है और पत्नी गुजारा भत्ता चाहती है, तो क्या यह दिया जा सकता है? इस सवाल का जवाब मद्रास हाई कोर्ट ने दिया है. ऐसे में कोर्ट ने एक फैसले में क्या कहा, यह जानने लायक है.

यदि विवाह कानूनी नहीं है और पत्नी गुजारा भत्ता चाहती है, तो क्या यह दिया जा सकता है? इस सवाल का जवाब मद्रास हाई कोर्ट ने दिया है. ऐसे में कोर्ट ने एक फैसले में क्या कहा, यह जानने लायक है.

मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा कि पत्नी सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण की हकदार है। भले ही शादी कानूनी तौर पर वैध न हो. कोर्ट ने कहा कि दूसरी पत्नी और दूसरी शादी से पैदा हुए बच्चे भी भरण-पोषण के हकदार हैं। भले ही पूर्व विवाह का अस्तित्व उस विवाह को वैध नहीं बनाता है।

कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत पहले याचिकाकर्ता की पत्नी और दूसरे याचिकाकर्ता को प्रतिवादी का बेटा माना जा सकता है। इसलिए ट्रायल कोर्ट का निष्कर्ष यह है कि याचिकाकर्ता प्रतिवादी से गुजारा भत्ता पाने का हकदार है। मद्रास उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें एक व्यक्ति को अपनी पत्नी और बेटे को दस हजार रुपये का मासिक भरण-पोषण भत्ता देने का निर्देश दिया गया था।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
3,913FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles