Tuesday, December 24, 2024

पहले औरंगजेब का पोस्टर लहराया, अब स्टेटस लगाने पर कोल्हापुर में बवाल, महाराष्ट्र में क्यों मचा संग्राम

Maharashtra Violence: महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में बुधवार पुलिस और हिंदू संगठनों के बीच झड़प की घटना सामने आयी है। बढ़ते संघर्ष को रोकने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकरियों पर हल्का बल प्रयोग भी किया है। फ़िलहाल जिले में धारा 144 लागू कर दी गयी है। अहमदनगर में भी मंगलवार को पथराव हुआ है।

कोल्हापुर: महाराष्ट्र में फ़िलहाल मुगल शासक औरंगजेब को लेकर घमासान मचा हुआ है। पहले मंगलवार को अहमदनगर और उसके बाद बुधवार को कोल्हापुर में औरंगजेब के नाम पर बवाल मचा हुआ है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार कुछ लोगों ने कोल्हापुर में औरंगजेब और टीपू सुलतान का स्टेटस अपने मोबाइल पर रखा था। जिसके बाद आज कुछ हिंदू संगठन इसके विरोध प्रदर्शन के लिए इकठ्ठा हुए थे। हिंदू संगठनों ने आपत्तिजनक पोस्ट साझा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर आज ‘कोल्हापुर बंद’ का आह्वान किया था। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई और पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। कोल्हापुर के छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर यह घटना हुई है। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि फिलहाल पुलिस और राज्य के गृह मंत्री इस घटना पर नजर बनाये हुए हैं। शिंदे ने लोगों से अपील की है कि कोई भी कानून को हाथ में लेने की कोशिश न करे। अगर किसी ने ऐसा करने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कोल्हापुर जिले में धारा 144 लागू कर दी गई हैं। एक साथ पांच लोग अब एक जगह पर इकठ्ठा नहीं हो पाएंगे। इसके साथ ही फौरी तौर पर जिले में इंटरनेट सेवाएं भी बंद की गई हैं।

कहीं सरकार ने तो यह नहीं करवाया
इस मुद्दे पर उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा है। संजय राउत ने कहा कि शाहू जी महाराज की भूमि पर धार्मिक तनाव पैदा करने की कोशिश की जा रही है। यह पूरी तरह से सरकार की विफलता है। राउत ने कहा, दो दिन पहले मैंने गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस का एक बयान सुना। जिसमें उन्होंने कहा कि अहमदनगर में जो औरंगजेब के पोस्टर लहराए गए हैं, उसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। राउत ने कहा कि इस बात को पूरा महाराष्ट्र सहन नहीं करेगा। इस बात का पता लगाना बहुत जरूरी कि कौन लोग राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। अपने राजनीतिक फायदे के लिए यह तनाव कौन पैदा कर रहा है। इसका पता लगाना जरुरी है। राउत ने कहा कि जो कर्नाटक में करने का प्रयास किया गया। वही काम अब महाराष्ट्र में शुरू है। संजय राउत ने कहा कि आखिर सरकार किसकी है, इनकी हिम्मत कैसे होती है ऐसा करने की? कहीं यह सरकार का ही काम तो नहीं कि महाराष्ट्र में ऐसा करो ताकि माहौल ख़राब हो। यह लोग कुछ भी कर सकते हैं। यही काम उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और अब महाराष्ट्र में शुरू है।

अहमदनगर में पथराव
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में भी मंगलवार को औरंगजेब को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था। प्रदर्शन के बाद अज्ञात लोगों की ओर से कथित तौर पर किए गए पथराव में दो लोग घायल हो गए थे और कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए थे। पुलिस के मुताबिक कुछ दक्षिणपंथी संगठनों ने यह प्रदर्शन किया था। जिसके बाद मंगलवार शाम को संगमनेर कस्बे के बाहरी इलाके में पथराव की यह घटना हुई। फिलहाल एहतियातन पथराव से तनाव फैलने के कारण इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। पुलिस अधीक्षक राकेश ओला ने कहा, ‘प्रदर्शन दोपहर 12 बजे समाप्त हुआ था। पथराव की घटना सामनापुर गांव में हुई, जो संगमनेर से पांच किलोमीटर दूर है। प्रदर्शन से लौट रहे लोगों में शामिल कुछ असमाजिक तत्वों ने कथित तौर पर पथराव किया और दो वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।’

ओला ने बताया, ‘दो स्थानीय लोग घटना में घायल हुए हैं। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और असमाजिक तत्वों को तितर-बितर कर दिया गया।’ ओला ने कहा कि इलाके में तनाव होने के मद्देनजर सामनापुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘सामनापुर इलाके में स्थिति अब शांतिपूर्ण है और लोगों को अफवाहें नहीं फैलानी चाहिए। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’

औरंगजेब के पोस्टर लहराने का मामला
बीते रविवार को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में एक जुलूस के दौरान मुगल शासक औरंगजेब के पोस्टर लहराने का मामला सामने आया था । इस मामले में स्थानी पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज किया था। यह जुलूस रविवार सुबह नौ बजे फकीरवाड़ा इलाके में निकाला गया था। इसी दौरान ‘जुलूस में संगीत और डांस के बीच चार लोगों ने औरंगजेब के पोस्टर लहराए गए थे। इन चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की एक समुदाय द्वारा दूसरे समुदाय को भड़काने की मंशा से किया कृत्य, धार्मिक भावनाओं को आहत करने और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।’

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