घरों में ज्यादातर बड़े-बुजुर्गों के मुंह से यह बात सुनने को मिलती है कि तांबे की बोतल में पानी पीना सेहत और पेट दोनों के लिए अच्छा होता है। आयुर्वेद के अनुसार तांबे के बर्तन में पानी पीने से शरीर को कई तरह के फायदे होते हैं। रोजाना पानी पीने से शरीर काफी ऊर्जावान बनता है। साथ ही यह शरीर से विषैले तत्वों को भी दूर करता है। तांबे के बर्तन में रखा पानी एक प्राकृतिक डिटॉक्स ड्रिंक है।
तांबे का पानी गर्मी में नहीं सर्दियों में पीना चाहिए
अगर रात भर तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखा जाए तो उसमें मौजूद बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं और यह पानी शुद्ध हो जाता है। फिर आप इस पानी को सुबह खाली पेट या खाना खाने के बाद पी सकते हैं। लेकिन तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से पहले एक बात का ध्यान रखें कि पूरे दिन में 2-3 गिलास ही पानी पिएं। नहीं तो ज्यादा तांबे का पानी पीना आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। चूंकि गर्मी का मौसम है तो कई बार आप सोच रहे होंगे कि क्या फ्रिज में तांबे की बोतल में पानी भरकर रखना ठीक है?
तांबे के बर्तन में रखा पानी गर्म हो जाता है।
तांबे का पानी गर्म होता है और इसमें एंटीसेप्टिक गुण भरपूर मात्रा में होते हैं। इसलिए तांबे का पानी सर्दियों में पीना चाहिए न कि गर्मियों में। जरा सोचिए अगर आप तांबे की बोतल को फ्रिज में रख दें तो वह गर्म होने के बजाय ठंडी हो जाती है। जो आपके लिए बहुत हानिकारक हो सकता है।
तांबे का पानी ज्यादा न पिएं।
तांबे के पानी को कभी भी फ्रिज में स्टोर न करें। क्योंकि तांबे में पानी को स्टोर करने के लिए कमरे का सामान्य तापमान सबसे अच्छा होता है। साथ ही एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि दिन में दो से तीन गिलास से ज्यादा पानी न पिएं। क्योंकि यह बहुत गर्म होता है। इसे अधिक मात्रा में पीने से त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
तांबे की बोतल को फ्रिज में क्यों नहीं रखना चाहिए?
ऐसा होने पर आपको जी मिचलाना, उल्टी, पेट में दर्द या दस्त की समस्या हो सकती है। अगर आप मिट्टी के घड़े में पानी को ज्यादा देर तक स्टोर करेंगे तो उसमें कीटाणु और बैक्टीरिया अपने आप पनपने लगेंगे। आयुर्वेद के अनुसार पानी को हमेशा कमरे के सामान्य तापमान पर ही रखना चाहिए। फ्रिज में स्टील, कॉपर या प्लास्टिक की बोतलों में रखा ठंडा पानी पीना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।