स्वामीनारायण रघुवीर मकवाना/बोताड: स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख तीर्थ गढ़दा में गोपीनाथजी मंदिर को मुंबई के अजमेरा परिवार द्वारा भगवान गोपीनाथजी को करोड़ों का सोने और हीरे का मुकुट भेंट किया गया था। वडताल गढ़ी का गढ़ीपति आचार्य राकेश प्रकाश महाराज एवं संतो महंत की उपस्थिति में दिव्य मुकुट अर्पण कार्यक्रम हुआ।
भगवान श्री स्वामीनारायण स्वयं 29 वर्षों तक गाधम में रहे और गधम को अपनी कर्मभूमि बनाया और स्वामीनारायण भगवान ने गढ़म में स्वामीनारायण सम्प्रदाय की एक महत्वपूर्ण पुस्तक शिक्षापत्री की रचना की। इसीलिए गड्डा को स्वामीनारायण संप्रदाय का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। गढ़दामा में गोपीनाथजी मंदिर को मुंबई के अजमेरा परिवार द्वारा भगवान गोपीनाथजी को सोने और असली हीरे जड़ित करोड़ों का मुकुट उपहार में दिया गया था।
वडताल गढ़ी का गढ़ीपति आचार्य राकेश प्रकाश महाराज एवं संतों की विशेष उपस्थिति में अजमेरा परिवार ने आचार्य महाराज को करोड़ों रुपए का रत्नजटित मुकुट भेंट किया। जब आचार्य महाराज व संतों ने रूद्र को दिया आशीर्वाद
दानदाता धवल अजमेरा ने कहा कि हम जो भी कार्य करते हैं अजमेरा परिवार हमेशा भगवान को पहले रखता है इसलिए आज गोपीनाथ जी ने भगवान को मुकुट अर्पण किया ताकि हम पर और हमारे परिवार पर भगवान की कृपा बनी रहे और महामहिम के चेहरे पर बहुत खुशी रहे जिससे सभी भक्तों की कृपा बनी रहेगी।मुकुट चढ़ाया गया है।
इस रत्न जड़ित तियरा को बनाने में 6 से 7 महीने का समय लगा और हम और कारीगरों ने दो से तीन अलग-अलग डिजाइनों से गुजरा और फिर इस टियारा को बनाया जाता है। जब यह बन जाएगा तो हम भगवान की मूर्ति पर अपना मुकुट धारण करेंगे, जिसकी हमें लंबे समय से इच्छा थी, जो आज पूरी हो गई है, इसलिए हम और हमारा परिवार भाग्यशाली हो गया है, ताज के दाता अजमेरा परिवार ने कहा .