राजकुमार की राज्यसभा में एंट्री: वांकानेर राजघराने के राजकुमार की राज्यसभा में एंट्री…बीजेपी ने पीएम मोदी के बेहद करीबी माने जाने वाले राजपरिवार के राजकुमार को राज्यसभा का टिकट दिया. इस राजपरिवार का प्रधानमंत्री मोदी से खास रिश्ता है.
अहमदाबाद: वांकानेर के शाही परिवार के एक सदस्य को राज्यसभा में सीट मिल गई है। वांकानेर के राज दिग्विजय सिंह झाला के पुत्र केशरीदेवसिंहजी झाला को भाजपा ने गुजरात के राज्यसभा उम्मीदवार के रूप में चुना है। इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो पता चलता है कि इस राजपरिवार का पीएम मोदी से काफी पुराना और करीबी रिश्ता है. यही वजह है कि नरेंद्र मोदी इस परिवार के सामाजिक कार्यक्रमों में भी शामिल होने पहुंचते हैं. सूत्रों की मानें तो इससे पहले जब मोदी गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने केशरीसिंह के विवाह समारोह में भाग लिया था। उस वक्त माचपंच के साथ विजय रूपाणी भी मौजूद थे.
गौरतलब है कि वांकानेर के शाही परिवार के राजकुमार केसरीदेव सिंह का विवाह शिहोरी की राजकुमारी योगिनीकुमारी से हुआ था। फुलेकु वांकानेर में युवराज के शाही महल से आए थे। जिसमें अनेक राजपरिवार एवं नगरवासी उत्साहपूर्वक शामिल हुए। वांकानेर युवराज की शादी में शामिल होने के लिए सौराष्ट्र गुजरात से कई राजघराने आए थे।
वांकानेर के केशरीदेवसिंहजी झाला वर्ष 2007 में विदेश में पढ़ाई के बाद अपनी मां के गृह नगर में बस गए और वर्ष 2011 में उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्रभाई मोदी को वांकानेर राज पैलेस में आमंत्रित किया। मोदी के हाथ पर केशरियो पहनकर बी.जे.पी. पार्टी में शामिल होने के बाद से ही बीजेपी की राजनीतिक शुभ शुरुआत हो गई है. आज तक सक्रिय है
केशरीदेवसिंहजी ने वांकानेर शहर और तालुका के हर वर्ग और जाति के हर धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम में नियमित रूप से भाग लेकर लोगों के साथ घनिष्ठता विकसित की है। वांकानेर के एक प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान, अमरसिंहजी हाई स्कूल की प्रबंधन समिति में रहते हुए, वह बच्चों और युवाओं के बीच शैक्षणिक, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों के विकास के लिए निरंतर उपस्थिति और प्रेरणा रहे हैं। बिना किसी जातिगत भेदभाव के वे हमेशा लोगों के बीच जाते हैं और हमेशा लोगों के काम आने का प्रयास करते हैं।
भारत सरकार के पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री और वांकानेर के शाही डॉ. दिग्विजाचसिंहजी प्रतापसिंहजी झाला के पुत्र केशरीदेवसिंहजी का जन्म वांकानेर राजपरिवार में हुआ था। वांकानेर शाही परिवार वंकाहोर में राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक क्षेत्रों में हमेशा सक्रिय रहा है और कई क्षेत्रों में लोगों के बीच हमेशा लोकप्रिय रहा है। ऐसे परिवार के 16वें राजघराने के रूप में केशरीदेवसिंहजी झाला ने राजगद्दी संभाली है।
पीएम मोदी से हैं खास रिश्ते:
वांकानेर के केशरीदेवसिंहजी झाला वर्ष 2007 में विदेश में पढ़ाई के बाद अपनी मातृभूमि में बस गए और वर्ष 2011 में उन्होंने गुजरात राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय नरेंद्रभाई मोदी को वांकानेर राज पैलेस में आमंत्रित किया। संतों-महंतों की मौजूदगी में मां नरेंद्र भाई मोदी ने बीजेपी के हाथों में केशरियो धारण किया. पार्टी में शामिल होने के बाद से ही बीजेपी की राजनीतिक शुभ शुरुआत हो गई है. आज तक सक्रिय है।
शाही परिवार का राजनीतिक और सामाजिक इतिहास:
पूज्य दादाबापुश्री सीनियर। प्रतापसिंहजी झाला:
देश की आजादी के बाद वांकानेर के पहले विधायक पूज्य दादाबापू प्रतापसिंहजी बापू सैन 1952 से 1957 तक निर्विरोध विधायक रहे और इस दौरान उन्होंने वांकानेर में कई विकास कार्य किये.
पूज्य पिताजी स्व डॉ। दिग्विजयसिंहजी झाला :
केशरीदेवसिंहजी के पिता स्व. दिग्विजयसिंहजीबापू 1979 से 1989 तक दो बार विधायक रहे हैं। साथ ही, 1979 से 1989 तक दो कार्यकाल के लिए भारत के पहले पर्यावरण मंत्री रहते हुए उन्होंने देश को पर्यावरण के महत्व को समझाया। इसके अलावा, दिग्विजयसिंहजी झाला पूरे भारत में राजपूतों की एक महत्वपूर्ण और गौरवशाली संस्था अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के कई वर्षों तक अध्यक्ष रहे और कई सामाजिक गतिविधियाँ कीं।
पूज्य काका साहब जनकसिंहजी झाला:
केशरीदेवसिंहजी झाला के चाचा जनकसिंहजी झाला भी 1975 से 1980 तक वांकानेर के विधायक रहे हैं।
मामा साहेब अजय सिंह :
केशरीदेवसिंहजी झाला के चचेरे भाई मामा साहेब श्री अजय सिंह जी वी.पी. सिंह जी की सरकार में रेल मंत्री रहे हैं। इसके अलावा 1989 में वह आगरा से सांसद भी रह चुके हैं।
इस प्रकार, वांकानेर राजपरिवार का वांकानेर की राजनीति में एक गौरवशाली अतीत रहा है। साथ ही वांकानेर के वर्तमान राजा केशरीदेवसिंहजी का व्यक्तित्व भी मनमोहक और मनमोहक है। इस प्रकार केसरीदेवसिंहजी हर क्षेत्र में, हर जाति में परोपकारी और आत्मीयता वाले व्यक्ति हैं।