काली हल्दी: काली हल्दी सबसे महंगे बिकने वाले उत्पादों में से एक है। इसके कई औषधीय गुणों के कारण बाजार में काली हल्दी की कीमत काफी अधिक होती है। काली हल्दी की खेती कर आप अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. काली हल्दी के पौधे की पत्तियों के बीच एक काली पट्टी होती है।
अहमदाबाद : काली हल्दी की फसल मुख्यतः औषधीय रूप में उगाई जाती है। इसके पौधे केले के आकार के होते हैं। काली हल्दी को नरकचूर के नाम से भी जाना जाता है। काली हल्दी का उपयोग आमतौर पर एंटीसेप्टिक और सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है। इसका वानस्पतिक नाम Curcuma, Cassia और अंग्रेजी में इसे Black Jay Dory कहते हैं । इसका पौधा लगभग 30-60 सेंटीमीटर लंबा, चौड़ी और गोल पत्तियों वाला होता है। इसकी ऊपरी सतह पर एक गोलाकार नीली और बैंगनी रंग की केंद्रीय शिरा बनती है।
काली हल्दी के पौधों की सिंचाई करें
काली हल्दी के पौधों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है। इसके कंद नम मिट्टी में लगाए जाते हैं। इसके लिए पहली सिंचाई कंद लगाने के तुरंत बाद कर देनी चाहिए। गर्मी के मौसम में इसके पौधों को 10 से 12 दिनों में सिंचाई की आवश्यकता होती है, जबकि सर्दियों के मौसम में इसके पौधों को 15 से 20 दिनों के अंतराल पर पानी देना चाहिए। इसके पौधों को बरसात के मौसम में जरूरत पड़ने पर ही पानी देना चाहिए।