Tuesday, December 24, 2024

कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन पैसे नहीं बचा रहे? निराश न हों, सुपारी का यह उपाय आपके खजाने को हमेशा धन से भरा रखेगा

धन प्राप्ति उपाय: अगर आप कड़ी मेहनत के बावजूद पैसे नहीं बचा पाते हैं तो आपको निराश नहीं होना चाहिए। आज हम आपको सुपारी से जुड़े 4 खास उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। इन उपायों को आजमाएं और आपकी तिजोरी नोटों से भर जाएगी।

अमीर बनने और कर्ज उतारने के उपाय: वैदिक शास्त्रों में कहा गया है कि जीवन सुख और दुख का नाम है। कई बार व्यक्ति कर्ज के जाल में फंस जाता है जिससे निकलने का उसे कोई रास्ता नहीं मिलता। अगर आप भी ऐसे किसी संकट में फंस गए हैं तो निराश न हों। आज हम आपको आर्थिक तंगी से निपटने के लिए सुपारी से जुड़े खास उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।

आर्थिक तंगी दूर करने के लिए सुपारी के उपाय

विवाह के लिए सुपारी का उपाय
जिन लोगों की काफी समय से शादी नहीं हो पा रही है। उन्हें गुरुवार के दिन सुपारी पर कुमकुम, हल्दी और मौली लपेटकर लक्ष्मीजी के मंदिर में रख देना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से विवाह की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं। जब रिश्तो पक जाए तो सुपारी को किसी झील या नदी में प्रवाहित कर दें।

ज्योतिषियों के अनुसार व्यापार में वृद्धि के लिए
जिन लोगों को व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है या आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे लोगों को सुपारी से जुड़ा उपाय करना चाहिए। उन्हें शनिवार की रात को पीपल के पेड़ के नीचे सुपारी और एक रुपये का सिक्का चढ़ाना चाहिए। इसके बाद अगली सुबह उन दोनों वस्तुओं को घर लाकर तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से घर में धन का प्रवाह बढ़ेगा।

काम की बाधाएं दूर करने के लिए
सुपारी का उपाय उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है जिनके काम अटके हुए हैं या किसी महत्वपूर्ण काम में दिक्कत आ रही है। ऐसे लोगों को लाल कपड़े में 2 लौंग और एक सुपारी बांधकर भगवान गणेश को अर्पित करनी चाहिए। इसके बाद रुके हुए काम को पूरा करने जाते समय उस कपड़े और लौंग को अपने पास रख लें। ऐसा करने से रुके हुए काम पूरे हो जाते हैं।

धन प्राप्ति के लिए ये करें
सुपारी का उपाय भी आपको कर्ज के जाल से निकलने में मदद कर सकता है। इसके लिए नियमित रूप से भगवान गणेश को पान चढ़ाना चाहिए और उनकी पूजा करनी चाहिए। इस पूजा में चढ़ाई गई सुपारी को लाल कपड़े में बांधकर अपने खजाने में रखें। ऐसा करने से धीरे-धीरे कर्ज की रकम कम होने लगती है और आय का स्रोत बढ़ने लगता है।

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