अब 5 महीने लटका रहेगा शादी का मामला! गरबा खेलना और पटाखे फोड़ना आपको खुश नहीं करेगा! जून का महीना शुरू हो चुका है। इस महीने में आप अपने चारों तरफ शादियों का सीजन देख रहे होंगे। लेकिन अब यह बढ़कर 11 शादियां हो गई हैं। फिर यह महीना भी खाली हो जाएगा।
अहमदाबाद: शादी का इंतजार कर रहे लोगों के लिए यह खबर दुखद है. क्योंकि, अगले 5 महीने तक शादी का कोई मेल नहीं होगा। शादी के इंतजार में बैठी मुर्तिया को अब पांच महीने का इंतजार करना होगा। अगले पांच महीने तक शादी का कोई चांस नहीं है। गौरतलब है कि इस साल चातुर्मास भी पांच महीने का है। इन दिनों शादियों का सीजन जोरों पर है। लेकिन अगले पांच महीनों तक शादी की कोई डेट नहीं मिल पा रही है। अब आपको शादी का इंतजार करना होगा।
जून का महीना शुरू हो चुका है। इस महीने में आपको हर तरफ शादियों का सीजन देखने को मिलेगा। लेकिन अब यह बढ़कर 11 शादियां हो गई हैं। फिर यह महीना भी खाली हो जाएगा। फिर ऐसा सूखा पड़ेगा कि अगले 5 महीने तक आपको शादी के बारे में भूलना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि हमारे हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष चातुर्मास पांच महीने का है। अब जून माह में महज 11 शादियां बढ़ी हैं। यह शादी का आखिरी महीना है। इसके बाद पांच महीने का ब्रेक होगा। दीपावली के बाद देवौती एकादशी से लग्नसार की नई ऋतु शुरू होगी। अब से यानी पहला मुहूर्त 27 नवंबर को जून के बाद नए विवाह मुहूर्त तक है।
डीटी। चूंकि 29 जून को देवपोढ़ी एकादशी से हिंदू चातुमार शुरू हो रहे हैं, इसलिए लगातार पांच महीनों तक शादियों का नया सीजन होगा, इसके बाद दिवाली और देवउठी एकादशी से नया शादियों का सीजन होगा। डीटी। विवाह का पहला मुहूर्त 27 नवंबर को होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, आमतौर पर चतुर्मास, धनारक कामुरता, मीनरक कामुरता, बृहस्पति और शुक्र के अस्त होलाष्टक के छह संयोगों के दौरान शुभ कार्य या विवाह नहीं किए जाते हैं। इन दिनों में विवाह वर्जित माने गए हैं, जिसके कारण चालू माह जून में केवल 11 लग्न मुहूर्त ही मिल रहे हैं। फिर डीटी। चातुर्मास की विधिवत शुरुआत 29 जून से होगी।
जून में शादी का दिन कब है?
हिन्दू पंचाग के अनुसार चालू माह जून में 3. विवाह के लिए 6, 7, 8, 11, 12, 13, 23, 27, 28 और 29 में से केवल 11 मुहूर्त शेष हैं। 11 अलग-अलग लग्न मुहर्त उपलब्ध हैं। हालांकि, तारीख 3, 6, 7, 8 का काल बीत चुका है। इन दिनों में विवाह सहित अन्य मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। हालांकि, उसके बाद 29 जून को देवपोदी-देवशयनी एकादशी है। देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु पाताल लोक चले जाएंगे और दिवाली के बाद आने वाली देवउती एकादशी तक चातुमास मनाया जाएगा।