आरबीआई ने 19 मई को ऐलान किया था कि 2000 रुपए के नोट को चलन से हटा लिया जाएगा। वर्ष 2016 में पेश किया गया 2000 रुपये का नोट वैध रहेगा लेकिन नागरिकों को इस नोट को 30 सितंबर 2023 तक बैंक में जमा कराना होगा। दूसरी ओर नकली नोटों को लेकर आरबीआई भी सख्त है। अब आरबीआई की एक रिपोर्ट में एक अहम खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आरबीआई ने सबसे ज्यादा 2000 रुपये नहीं बल्कि 500 रुपये के नकली नोट पकड़े हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि FY23 में लगभग 91,110 नकली 500 रुपये के नोट रिपोर्ट किए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 के दौरान बैंकिंग क्षेत्र में जब्त किए गए कुल जाली भारतीय मुद्रा नोटों (FICNs) में से 4.6 प्रतिशत रिजर्व बैंक में और 95.4 प्रतिशत अन्य बैंकों में पाए गए। केंद्रीय बैंक ने उस साल 100 रुपये के 78,699 नकली नोट और 200 रुपये के 27,258 नकली नोट नोटिफाई किए थे। RBI ने FY23 में 2000 रुपये के 9,806 नकली नोट जब्त किए।
नकली नोटों
की बात करें तो पिछले साल के मुकाबले 20 रुपये और 500 रुपये (नए डिजाइन) के नकली नोटों में क्रमश: 8.4 फीसदी और 14.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 10 रुपये, 100 रुपये और 2000 रुपये के मूल्यवर्ग में पाए गए नकली नोटों में क्रमशः 11.6 प्रतिशत, 14.7 प्रतिशत और 27.9 प्रतिशत की कमी आई है।
आर्थिक मोर्चे पर, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने पिछले वित्तीय वर्ष में मजबूत लचीलापन दिखाया है। जो अग्रणी देशों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरी। हालांकि, वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में कमजोर खपत, ग्रामीण मांग में कमी और लगातार लागत दबाव राजकोषीय दबाव बना रहे थे।