मैमोग्राफी एक महत्वपूर्ण परीक्षण है जो नियमित चिकित्सा परीक्षाओं और स्तन स्व-परीक्षण के साथ-साथ स्तन कैंसर का जल्द पता लगाने में मदद करता है। इस टेस्ट में डॉक्टर ब्रेस्ट का एक्स-रे लेते हैं।
मैमोग्राफी एक एक्स-रे है जो स्तन की जांच के लिए किया जाता है। इसका उपयोग स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है। मैमोग्राफी एक महत्वपूर्ण परीक्षण है जो नियमित चिकित्सा परीक्षाओं और स्तन स्व-परीक्षण के साथ-साथ स्तन कैंसर का जल्द पता लगाने में मदद करता है। इस टेस्ट में डॉक्टर ब्रेस्ट का एक्स-रे लेते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, 40 से 50 साल की उम्र में हर दूसरे साल ब्रेस्ट कैंसर की जांच करानी चाहिए।
महिलाओं को 40 से 50 साल की उम्र में हर दूसरे साल ब्रेस्ट कैंसर चेकअप और स्क्रीनिंग करानी चाहिए। 2016 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 50 साल से कम उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए जरूरी है कि समय-समय पर इनकी जांच कराएं और डॉक्टर से सलाह लें।
अगर स्तन कैंसर का जल्दी पता चल जाए तो जोखिम 98% तक कम हो जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद हर साल मैमोग्राम (एक स्क्रीनिंग टेस्ट) करवाना चाहिए। समाचार में जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन, द ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी (1990-2016), राजीव गांधी कैंसर संस्थान और अनुसंधान केंद्र के तथ्य भी शामिल हैं।
स्तन कैंसर के लक्षण
जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि मैमोग्राम के जरिए नियमित जांच के बाद पता चल सकता है कि ब्रेस्ट कैंसर है या नहीं। हालांकि, कुछ लोगों में बांहों के नीचे गांठ, निप्पल के रंग में बदलाव जैसे कई बदलाव शुरुआती लक्षणों में देखे जाते हैं। अक्सर ऐसा होता है कि जिन लोगों का ब्रेस्ट कैंसर लास्ट स्टेज में होता है, उन्हें ही इस बीमारी के बारे में पता चलता है। या बहुत से लोग अन्य लक्षणों का भी अनुभव करते हैं, जैसे कि ट्यूमर के रंग में बदलाव, बांह में दर्द, डिस्चार्ज आदि।
हार्मोनल परीक्षण
महिलाओं में उम्र के साथ हार्मोनल बदलाव होते हैं। हालांकि विशेषज्ञ हर तीन महीने में हार्मोनल चेकअप की सलाह देते हैं, खासकर 40 की उम्र तक पहुंचने के बाद, हार्मोन की जांच करवाना बहुत जरूरी है क्योंकि इस उम्र में हार्मोन में बदलाव ज्यादा होता है।
कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप परीक्षण
आप आसानी से घर पर नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की निगरानी कर सकते हैं। हृदय स्वास्थ्य के लिए उचित रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल आवश्यक हैं। 40 साल की उम्र के बाद हर 2 महीने में जांच कराएं।
शुगर और थायराइड की जांच
बढ़ती उम्र के साथ शरीर कमजोर होता जाता है और कई तरह की बीमारियां भी घेर लेती हैं। शुगर और थायराइड आजकल एक आम समस्या हो गई है। महिलाओं में थायराइड की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। 40 की उम्र के बाद इसे एक बार जांच करवाना भी जरूरी है।