माउंट कैलाश: कैलाश पर्वत की ऊंचाई माउंट एवरेस्ट से 2000 मीटर कम है। कई लोग 8849 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ चुके हैं। लेकिन 6,638 ऊँचे कैलाश पर्वत पर आज तक कोई नहीं चढ़ सका है। यह एक ऐसा रहस्य है जो अभी तक सुलझा नहीं है। रूस-चीन जैसे देशों ने भी कैलाश पर्वत के आगे घुटने टेक दिए हैं।
माउंट कैलाश: कैलाश पर्वत की ऊंचाई माउंट एवरेस्ट से 2000 मीटर कम है। कई लोग 8849 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ चुके हैं। लेकिन 6,638 ऊँचे कैलाश पर्वत पर आज तक कोई नहीं चढ़ सका है। यह एक ऐसा रहस्य है जो अभी तक सुलझा नहीं है। रूस-चीन जैसे देशों ने भी कैलाश पर्वत के आगे घुटने टेक दिए हैं। यह भी कहा जाता है कि कैलाश के स्वामी भगवान शिव हैं। भोलेनाथ अपने भक्तों के साथ कैलाश पर्वत पर रहते हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव कैलाश पर किसी को आने नहीं देते हैं। वहीं, जानिए तमाम शोधों में किए गए अलग-अलग दावों के बारे में भी।
कोई नहीं चढ़ सकता कैलाश पर, जानिए वजह
1. ऐसा माना जाता है कि असुरों ने भी कई बार कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश की लेकिन कभी सफल नहीं हुए। ऐसा दावा किया जाता है कि भगवान शिव अपने पंथ को छोड़कर किसी को भी कैलाश जाने की अनुमति नहीं देते हैं।
2. यह भी दावा किया जाता है कि जो भी व्यक्ति कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश करता है उसके बाल और नाखून तेजी से बढ़ते हैं। इस वजह से वह आगे नहीं जा सकते हैं।
3. यह भी कहा जाता है कि कैलाश पर्वत अत्यधिक रेडियोधर्मी है। यह भी दावा किया जाता है कि कैलाश पर्वत पर चढ़ने की कोशिश करते समय व्यक्ति भटक जाता है और शीर्ष पर पहुंचने में असमर्थ हो जाता है।
4. साल 1999 में रूस की एक टीम ने कैलाश पर्वत पर रिसर्च की थी। जिसमें कहा गया है कि कैलाश पर्वत की चोटी प्राकृतिक नहीं है। यह एक पिरामिड की तरह है। इसलिए इसे शिव पिरामिड भी कहा जाता है। ऐसा दावा किया जाता है कि कैलाश पर चढ़ने वाले या तो शीर्ष पर पहुंचे बिना ही लौट आए या उनकी मृत्यु हो गई।
5. कैलाश के आगे चीन भी हार मान चुका है। चीनी सरकार के निर्देश पर कुछ पर्वतारोही कैलाश की चोटी पर पहुँचने के लिए निकले लेकिन सफल नहीं हुए। चीनी सरकार को अभियान रोकना पड़ा।
6. यह भी कहा जाता है कि जो कोई भी कैलाश पर्वत पर चढ़ने जाता है उसका हृदय परिवर्तन होता है और वह वापस लौट जाता है। यह भी दावा किया जाता है कि कैलाश पर चढ़ने की कोशिश करने वालों के चेहरे पर बुढ़ापा दिखने लगता है।
7. यह भी दावा किया जाता है कि एवरेस्ट पर चढ़ना तकनीकी रूप से आसान है लेकिन कैलाश पर्वत पर चढ़ने का कोई रास्ता नहीं है. यहां चारों ओर खड़ी चट्टानें हैं। लेकिन कैलाश पर्वत पर न चढ़ पाना आज भी एक रहस्य है।