केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने एक चौंकाने वाली जानकारी दी है। सीडीएससीओ की वेबसाइट के अनुसार, भारत में नियमित रूप से उपयोग की जाने वाली कम से कम 48 दवाएं गुणवत्ता परीक्षण में विफल रही हैं।
इनमें एंटीबायोटिक्स, मल्टीविटामिन से लेकर ब्लड प्रेशर की दवाएं शामिल हैं। इस ड्रग सेफ्टी अलर्ट में कैल्शियम, फोलिक एसिड, मल्टीविटामिन, एंटीबायोटिक्स, एंटी-डायबिटिक और कार्डियोवास्कुलर सहित आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली कई दवाओं को घटिया घोषित किया गया है और परीक्षण विफल रहे हैं।
CDSCO ने मार्च महीने में कुल 1497 दवाओं के सैंपल की जांच की थी. इनमें से 48 दवाएं गुणवत्ता परीक्षण में विफल रहीं। सूची में दवाएं, चिकित्सा उपकरण और सौंदर्य प्रसाधन भी शामिल हैं, जो या तो घटिया या नकली या मिलावटी हैं।
इनमें मिर्गी की दवा गैबापेंटिन, हाई ब्लड प्रेशर की दवा टेल्मिसर्टन, शुगर की दवा संयोजन ग्लिमेपाइराइड और मेटफॉर्मिन, और एचआईवी दवा रटनवीर जैसी सबसे अधिक बिकने वाली दवाएं शामिल हैं। इनमें Telma, Telmisartan और Amlodipine शामिल हैं, जिनका उच्च रक्तचाप के रोगियों द्वारा व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।