1 अप्रैल, 2023 से देश में सोने की कुछ वस्तुओं पर हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई है। अब बात यह है कि अगर आप अक्षय तृतीया के मौके पर सोने के सिक्के खरीदने जा रहे हैं तो क्या उस पर भी हॉलमार्क के नियम का असर पड़ेगा या नहीं?
अक्षय तृतीया इस साल 22 अप्रैल को है। इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है। अगर आपने भी इस दिन सोना खरीदने का प्लान बनाया है तो जान लें कि 1 अप्रैल 2023 से सोने पर हॉलमार्किंग जरूरी हो गई है। लेकिन क्या यही नियम सोने के सिक्कों पर भी लागू होता है?
हॉलमार्किंग का नियम सिर्फ सोने के गहनों और सजावटी सामान के लिए अनिवार्य हो गया है। यानी अगर आप सोने के आभूषण या अन्य कोई सामान खरीदते हैं तो उस पर हॉलमार्क होना जरूरी है। वहीं अगर आप व्हाइट गोल्ड अलॉय से बना सामान खरीदते हैं तो हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी।
इन सिक्कों पर
हॉलमार्किंग नियमों के अनुसार हॉलमार्किंग होती है, देश में सोने के सिक्कों की हॉलमार्किंग अनिवार्य नहीं है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की वेबसाइट के अनुसार, अनिवार्य हॉलमार्किंग नियम केवल आभूषणों और सजावटी वस्तुओं के लिए मान्य है। हालांकि, बीआईएस अनुमोदित रिफाइनरियां या टकसाल 999 और 995 शुद्धता के हॉलमार्क वाले सोने के सिक्कों का निर्माण कर सकती हैं।
बीआईएस की वेबसाइट के मुताबिक 19 जनवरी 2022 तक देश में मान्यता प्राप्त रिफाइनरियों की संख्या 43 है। इनकी लिस्ट बीआईएस की साइट पर जाकर देखी जा सकती है।
सिक्कों पर हॉलमार्किंग हो सकती है अनिवार्य
बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी का कहना है कि आभूषण और अन्य सामानों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के बाद सरकार सोने के सिक्कों पर भी हॉलमार्किंग कर सकती है. इसके नियम तैयार कर लिए गए हैं।
यदि सिक्कों को भी अनिवार्य हॉलमार्किंग के दायरे में लाया जाता है तो उपभोक्ताओं को सिक्कों की प्रामाणिकता जांचने में कोई कठिनाई नहीं होगी। शुद्ध गहनों के बाद अब देश में शुद्ध सिक्के भी मिलेंगे।
हॉलमार्किंग क्या है?
हॉलमार्किंग गहनों या सिक्कों में सोने की शुद्ध मात्रा का मूल्यांकन करती है और इसके आधार पर एक आधिकारिक दस्तावेज जारी करती है। भारत में इसके लिए एक चिन्ह भी तैयार किया गया है, जो आभूषण आदि पर अंकित होता है। किसी भी वस्तु की हॉलमार्किंग की लागत 35 रुपये प्रति यूनिट है।