Himachal Pradesh OPS: पुरानी पेंशन योजना को साल 2004 में बंद किया गया था. इसके बाद राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) को लागू किया गया था, जिसे New Pension Scheme कहा गया. तभी से ऐसे कर्मचारी जिनकी नौकरी 1 जनवरी 2004 के बाद स्टार्ट हुई, उन्हें नई पेंशन योजना के तहत कवर किया जाने लगा.
देश में लंबे समय से पेंशन योजना (Pension Scheme) को लेकर उठा-पठक चल रही है. नई पेंशन योजना और पुरानी पेंशन योजना को लेकर बहस का सिलसिला राजनीतिक गलियारों में बहस का मुद्दा बना हुआ है. इस बीच गैर भाजापा सरकार वाले राज्य हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार (Himachal Pradesh Govt) ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को फिर से बहाल कर दिया है. सरकार की ओर से सोमवार को देर शाम इस संबंध में एक अधिसूचना जारी जानकारी दी गई.
1.36 लाख कर्मचारियों को फायदा
हिमाचल प्रदेश की सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक, प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना (OPS ) की बहाली एक अप्रैल 2023 से लागू की गई है. कांग्रेस सरकार के इस फैसले से राज्य सरकार के 1.36 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा और अब वे राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) का हिस्सा नहीं रहेंगे. राज्य सरकार के मुख्य सचिव की ओर से जारी अधिसूचना पर नजर डालें तो पुरानी पेंशन योजना को लागू किए जाने के फैसले के बाद अब एनपीएस (NPS) के तहत आने वाले राज्य कर्मचारियों का अंशदान एक अप्रैल 2023 से रोक दिया जाएगा.
जनवरी में फैसला… अप्रैल से लागू
एनपीएस (NPS) के तहत नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की तरफ से अंशदान दिया जाता है. इस मामले में नियोक्ता का अंशदान राज्य सरकार की ओर से किया जाता है. अब पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद हिमाचल की सरकार अपने कर्मचारियों के लिए एनपीएस में अंशदान नहीं देगी. कांग्रेस ने बीते साल 2022 में विधानसभा चुनावों के दौरान राज्य में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का वादा किया था और सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद अब इसे पूरा कर दिया गया है. इसे तेजी से लागू किया गया है, क्योंकि बीते नए साल के पहले महीने में 13 जनवरी को राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैठक में इस पर फैसला किया गया था और सोमवार 17 अप्रैल 2023 को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई.
पुरानी और नई पेंशन योजना में बड़े अंतर
OPS या Old Pension Scheme एक रिटायरमेंट बेनिफिट स्कीम ही है. इसमें नियोक्ता या सरकार सेवा के वर्षों और वेतन इतिहास जैसे कारकों के आधार पर रिटायरमेंट पर कर्मचारी को लाभ की एक विशिष्ट राशि का भुगतान करने का वादा करती है. OPS के तहत रिटायरमेंट के समय वेतन की आधी राशि कर्मचारियों को पेंशन के रूप में दी जाती है. क्योंकि पुरानी स्कीम में पेंशन का निर्धारण सरकारी कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी और महंगाई दर के आंकड़ों के मुताबिक होता है. अन्य अंतर की बात करें तो पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी. वहीं NPS या New Pension Scheme में कर्मचारियों की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती की जाती है. नई पेंशन स्कीम में GPF की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जबकि पुरानी पेंशन स्कीम में ये सुविधा कर्मचारियों को मिलती है. अगर नई पेंशन स्कीम की बात करें, तो इसमें रिटर्न बेहतर रहा, तो प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) और पेंशन (Pension) की पुरानी स्कीम की तुलना में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय अच्छा पैसा मिल सकता है. चूंकि ये शेयर मार्केट पर आधारित स्कीम है. इसलिए कम रिटर्न की स्थिति में फंड कम भी हो सकता है.