तुलसी मंजरी उपाय : कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है उस घर में वास्तुदोष नहीं होता है। तुलसी के पत्ते से लेकर उसकी टहनियों तक हर चीज का इस्तेमाल पूजा में किया जाता है। लेकिन अगर तुलसी में मंजर आ जाए तो तुरंत करना चाहिए ये काम…
तुलसी मंजरी उपाय: हिंदू धर्म में तुलसी को विशेष महत्व दिया गया है। शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है और तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। तुलसी की नियमित रूप से पूजा करने से जीवन में सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है। तुलसी का पौधा हर घर के आंगन में रखा जाता है। कहा जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है उस घर में वास्तुदोष नहीं होता है। तुलसी के पत्ते से लेकर उसकी टहनियों तक हर चीज का इस्तेमाल पूजा में किया जाता है। लेकिन अगर तुलसी मंजर में आ जाए तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार तुलसी माता पर बिल्लियों का बोझ है। इसलिए बिल्ली को तुरंत हटा देना चाहिए।
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां गंगा के बीच संवाद हुआ था। दोनों के बीच बात इस हद तक बढ़ गई कि वे एक-दूसरे को कोसने लगे। मां गंगा ने लक्ष्मी को वृक्ष बनने का श्राप दिया था। अभी यह बात चल ही रही थी कि माता पार्वती ने आकर तीनों माताओं को समझाया। मां गंगा ने कहा कि उन्होंने मां लक्ष्मी को धरती पर वृक्ष बनने का श्राप दिया था। तब माता पार्वती ने कहा कि 84 लाख योनियों में से 20 लाख योनियां पेड़-पौधों की होती हैं। इसलिए माता लक्ष्मी को वर्षों तक हर योनि में रहना पड़ता है। उसके बाद उन्होंने माता पार्वती से मदद मांगी। माता पार्वती ने कहा कि केवल शिव ही इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।
तीनों माताएं शिवजी के पास गईं और शिवजी से कोई उपाय बताने को कहा जिससे मां लक्ष्मी के तुलसी रूप में आने के बाद किसी अन्य योनि को कष्ट न उठाना पड़े। तब महादेव ने यह उपाय बताया।
बरास के दिन तुलसी के पौधे से मंजर काटकर शालिग्राम को अर्पित करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी को पौधे की योनि से मुक्ति मिल जाएगी और उन्हें किसी अन्य पौधे की योनि में नहीं जाना पड़ेगा और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी। जो भी व्यक्ति तुलसी मानसर को तोड़कर बारास के दिन शालिग्राम पर चढ़ाता है, उस पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है। भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी की मंजर भी चढ़ा सकते हैं ऐसा करने से भगवान श्रीकृष्ण भी प्रसन्न रहते हैं।