दुनिया की सबसे बड़ी पगड़ी बांधने वाले बीकानेर के पवन व्यास ने नया रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए खुद 1 घंटे में 205 साफा बांध नया रिकॉर्ड बनाया है। अब पवन व्यास गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए अप्लाई किया है। इससे पहले ये रिकॉर्ड पुणे के संतोष रावत के नाम था। संतोष ने 129 लोगों को साफा बांध नया रिकॉर्ड बनाया था। पवन ने गुरुवार को 205 स्टूडेंट्स को साफा बांधा है।
बीकानेर के बाफना स्कूल में गुरुवार को पवन ने स्टूडेंट्स को साफा बांधने की शुरुआत की। जैसे ही 130वें स्टूडेंट को साफा बांध वर्ल्ड रिकॉर्ड बीकानेर के पवन व्यास के नाम हो गया। पवन ने करीब 45 मिनट में ही ये रिकॉर्ड तोड़ दिया था। रिकॉर्ड टूटने के बाद साफा बांधने का सिलसिला जारी रखा और 1 घंटे पूरे होते-होते 205 स्टूडेंट्स के साफा बांध दिया। इसके साथ ही बाफना स्कूल के सीईओ पी.एस. वोरा ने पवन व्यास के इस रिकॉर्ड की तारीफ की।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड
पवन का ये रिकार्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड व वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड लंदन में दर्ज हो रहा है। इस रिकार्ड का सर्टिफिकेट जल्द ही जारी होगा। इसके लिए कुछ औपचारिकताएं करनी होती हैं। पवन ने बताया कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड को एक घंटे का वीडियो भेजा जाएगा। इस वीडियो के आधार पर ही सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। कोविड प्रोटोकॉल के कारण उनके प्रतिनिधि स्वयं नहीं आते बल्कि वो रिकार्ड ऑनलाइन लेते हैं। उम्मीद है कि एक महीने के भीतर सर्टिफिकेट जारी हो जाएगा।
सबसे बड़ी पगड़ी
इससे पहले पवन बीकानेर के धरणीधर मंदिर में दुनिया की सबसे बड़ी पगड़ी बांधने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर चुके हैं। 1570 फीट लंबी पगड़ी बांधने का रिकॉर्ड गिनीज बुक रिकॉर्ड में दर्ज है। इन दिनों बीकानेर के रेलवे स्टेशन पर ये पगड़ी देश-दुनिया से आने वाले यात्रियों के लिए चर्चा का विषय रहती है।
पगड़ी के कपड़े की लम्बाई : 478.50 मीटर (1569.86 फुट) पगड़ी : 55 पगड़ी (8.7 मीटर प्रत्येक) पगड़ी बंधने के बाद परिधि : 7 फुट 8 इंच लंबाई व चौड़ाई : 2 फुट से
अधिक समय : लगभग 30 मिनट
साफा है राजस्थान की शान पश्चिमी राजस्थान में कई तरह से साफा और पगड़ी बांधी जाती है। खासकर बीकानेर और जोधपुर में राजपूती स्टाइल में साफा पहनने की परंपरा है। विवाह व शुभ अवसरों पर हर कोई साफा पहनता है। चुनड़ी और राजस्थानी प्रिंट के साफा को बांधने वाले लगातार कम हो रहे हैं। ऐसे में पवन व्यास जैसे युवाओं ने नई पीढ़ी को नया रास्ता दिखाया है।