जिंदगी की भागदौड़ के बीच कई बार हमारा मन करता है कि किसी ऐसी जगह घूम आएं, जहां मन को शांति मिल सके, थोड़ा सुकून मिल सके। धार्मिक यात्राएं शांति और सुकून पाने का एक बेहतर जरिया होती है। दरअसल, धार्मिक यात्राओं के जरिए न केवल आप खुद को ईश्वर के करीब महसूस करते हैं, बल्कि यह अपने आप को सकारात्मक ऊर्जा से भरने का भी जरिया होता है। आपने भी अपने माता-पिता, बच्चों, परिवार के साथ धार्मिक यात्राएं की होंगी। रोजमर्रा की जिंदगी से समय निकालकर हमें भी धार्मिक यात्राएं जरूर करनी चाहिए।
आइए, जानते हैं देश की पांच महत्वपूर्ण धार्मिक जगहों के बारे में:
माता वैष्णो धाम:
जम्मू स्थित पहाड़ों की गोद में बसे पवित्र धाम वैष्णो देवी की यात्रा करने बड़ी संख्या में हिंदू धर्मावलंबी सालों भर जाते रहते हैं। मां वैष्णो देवी के लिए श्रद्धालुओं के मन में अलग ही आस्था होती है। फिर चाहे आपकी कोई मन्नत हो या फिर माता का दर्शन और आशीर्वाद लेना हो, मां के दरबार में लाखों लोग जाते हैं। कई बार ऐसा होता है कि हम सोचते रह जाते हैं, लेकिन प्लान नहीं बना पाते हैं। परिवार के साथ वैष्णो धाम की तीर्थयात्रा करना आपके लिए बेहतर अनुभव होगा।
वाराणसी:
काशी विश्वनाथ की नगरी- वाराणसी। उत्तर प्रदेश का एक ऐसा शहर, जो भारतीय संस्कृति को समझने का एक अद्भुत माध्यम है। कभी देश के किसी हिस्से से कोई व्यक्ति यहां आकर बनारसी हो जाता है तो यहां आने वाले कई विदेशी भी यहीं के होकर रह जाते हैं। गंगा घाटों से लेकर विश्वनाथ मंदिर, सारनाथ, हनुमान मंदिर, भारत माता मंदिर समेत यहां कई जगहें हैं, जहां जाकर आप रिफ्रेश हो जाएंगे।फरवरी में प्लान बनाना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि में यहां रहने का अलग ही अनुभव होगा।
वृंदावन:
वृंदावन को प्रेम की नगरी कहा जाता है। कहा जाता है, यहां भगवान कृष्ण ने राधिका और गोपियों संग रास रचाया था। राधा-कृष्ण से संबंध बताने का यह मतलब नहीं कि धर्म में रुचि वाले ही यहां जाएं। आप धार्मिक हैं या नहीं, इससे फर्क नहीं पड़ता। दरअसल, फरवरी के अंत और मार्च की शुरुआत से वृंदावन में एक अलग ही रौनक होती है। इस सुहाने मौसम में वृंदावन घूमने का मजा ही कुछ और है।
अमृतसर:
पंजाब स्वर्ण मंदिर, जलियांवाला बाग, वाल्मीकि आश्रम, वाघा बॉर्डर, पंजाब का अमृतसर आपको हर कदम पर लाजवाब करता है। इतिहास की खूबसूरती के सभी रंग यहां दिखते हैं। सिखों के लिए तो यह पवित्र शहर है ही, हिंदुओं के लिए भी यह पावन नगरी है। इस शहर से भगवान राम और सीता का भी नाता है और रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का भी जुड़ाव है। मान्यता है कि हनुमान जी भगवान राम के पुत्र लव और कुश के कब्जे से अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को वापस लाने यहां आए थे। पावन वाल्मीकि तीर्थस्थल भी यहीं है। कहा जाता है कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना यहीं की थी। इन्हीं के आश्रम में माता सीता ने लव को जन्म दिया था और कुश भी यहीं प्रकट हुए थे। पर्यटकों के लिए यह शहर परफेक्ट डेस्टिनेशन होता है।
मथुरा:
उत्तर प्रदेश अगर आपको भगवान कृष्ण का शहर देखना है तो मथुरा जरूर जाएं। मथुरा में यमुना नदी बहती है और इस पवित्र नदी पर 25 घाट बने हैं, लेकिन इन घाटों में सबसे ज्यादा महत्व विश्राम घाट का है क्योंकि यहां पर भगवान कृष्ण ने कंस को मारने के बाद विश्राम किया था। दुनियाभर से श्रद्धालु मथुरा आते हैं। यह मंदिरों का शहर है। यहां आप कृष्ण जन्मभूमि मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, जामा मस्जिद, कुसुम सरोवर, राधा कुंड और कृष्ण किला देख सकते हैं।