Education Policy: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तीन साल पूरे होने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि शिक्षा में ही वो ताकत है जो बदलाव ला सकती है. नई शिक्षा नीति का मकसद देश के बेहतरीन भविष्य से जुड़ा हुआ है.
National Education Policy: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘शिक्षा महाकुंभ’ का उद्घाटन किया।नई शिक्षा नीति के तीन साल पूरे होने पर पीएम ने संवाद के लिये शिक्षा जरूरी, युग बदलने वाले परिवर्तन हो रहे हैं.उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पारंपरिक ज्ञान प्रणाली से लेकर भविष्य की तकनीक पर अधिक जोर दिया गया है.अखिल भारतीय शिक्षा समागम की इस यात्रा में एक संदेश छिपा है. ये संदेश है- प्राचीनता और आधुनिकता के संगम का! ये शिक्षा ही है जिसमें देश को सफल बनाने, देश का भाग्य बदलने की ताकत होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी एक महत्वपूर्ण मौका है. देश जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है, उसे हासिल करने में शिक्षा की अहम भूमिका है.आप इसके प्रतिनिधि हैं.शिक्षकों, शिक्षाविदों और छात्रों ने एनईपी 2020 को एक मिशन के रूप में लिया और नई शिक्षा नीति को आगे बढ़ाने में मदद की. उन्हें धन्यवाद देता हूं और ऐसी सफलता के लिए बधाई देते हैं.
हमारे सामने बड़ी चुनौती थी
जब हमने एनईपी 2020 लॉन्च किया तो हमारे सामने एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन छात्रों, विशेषज्ञों और शिक्षाविदों की मदद से हम इसे सफल बनाने में सफल रहे. भारत के लोगों ने नई शिक्षा नीति का खुले दिल से स्वागत किया और हमारी शिक्षा नीतियों में बदलावों के बारे में खुले दिमाग से बात की.पाठ्यपुस्तकें अब 22 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होंगी.अपनी क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई करने से भारतीय युवाओं की प्रतिभा को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, “अगर युवाओं को भाषा पर भरोसा होगा तो उनका कौशल और प्रतिभा भी सामने आएगी.
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi says, "…It is education that has the power to change the destiny of the country. Education has an important role in achieving the target with which the country is moving forward…You are the representative of this…It is an important… pic.twitter.com/KN4c4I0U4K
— ANI (@ANI) July 29, 2023
पहली शिक्षा नीति 1968 में लागू हुई
पहली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1968 में लागू हुई, दूसरी 1986 में आई जिसे 1992 में संशोधित किया गया। पहले की एनईपी कांग्रेस के शासन के दौरान लागू हुई थी, यह भाजपा के शासन के तहत पहली एनईपी थी।एनईपी 2020 छात्रों के लिए कई प्रवेश और निकास विकल्पों में कई बदलाव पेश करता है, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी), 5+3+3+4 का एक नया शैक्षणिक और पाठ्यचर्या पुनर्गठन, जिसमें 3 से 18 वर्ष की आयु (बुनियादी चरण के रूप में 3 से 8 वर्ष) शामिल है। 8 से 11 प्रारंभिक चरण के रूप में, 11 से 14 मध्य चरण के रूप में और 14 से 18 माध्यमिक चरण के रूप में) आदि।एनईपी 2020 के अनुसार, छात्रों को कक्षा 5 तक उनकी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाना चाहिए। सरकार छात्रों को अपनी क्षेत्रीय भाषा में पाठ्यक्रम लेने के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है। नीति का प्रस्ताव है कि सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को 2040 तक बहु-विषयक बनने का लक्ष्य रखना चाहिए, जिससे एकल स्ट्रीम की पेशकश करने वाले सभी संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया जा सके।